गरीबों के आवास की दिशा में मोदी सरकार का Light House Project एक और सशक्त कदम
प्रधानमंत्री ने विभिन्न तकनीकों का भी वर्णन किया, जिनका उपयोग छह स्थानों में से प्रत्येक में घर बनाने के लिए किया जाएगा अगरतला, लखनऊ, इंदौर, राजकोट, चेन्नई और रांची।
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प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को ग्लोबल हाउसिंग टेक्नोलॉजी चैलेंज (GHTC) के तहत लाइट हाउस प्रोजेक्ट्स (LHP) की आधारशिला रखी,ये 6 लाइट हाउस प्रोजेक्ट देश को आवास निर्माण की दिशा में राह दिखाएंगे. पीएम ने कहा कि ये को ऑपरेटिव फेडरलिज्म की मिसाल है. इस परियोजना का उद्देश्य दुनिया भर की कई नवीन तकनीकों की पहचान करना और मुख्यधारा बनाना है जो टिकाऊ और आपदा-प्रभावी हैं।
इस अवसर पर बोलते हुए,प्रधान मंत्री ने आगे कहा कि पहले, विभिन्न केंद्रीय सरकारों द्वारा आवास परियोजनाओं को प्राथमिकता नहीं दी गई थी और सरकारों को आवास की गुणवत्ता के बारे में चिंता नहीं थी, मगर हमने आवास के प्रति दृष्टिकोण बदलने का फैसला किया है। देश को बेहतर तकनीक क्यों नहीं मिलनी चाहिए? ”
पीएम मोदी ने इसके बाद उन तकनीकों के बारे में बताया कि इंदौर में, ईंटों से बनी दीवारें नहीं हैं, "प्री-फेब्रिकेटेड सैंडविच पैनल" सिस्टम का उपयोग इन के लिए किया जाएगा, राजकोट के लिए पीएम मोदी ने कहा की फ्रांसीसी "अखंड कंक्रीट निर्माण" तकनीक का उपयोग किया जाएगा,और इस प्रोजेक्ट के तहत बने मकान पूरी तरह से भूकंपरोधी होंगे.
संयुक्त राज्य अमेरिका और फिनलैंड से प्रीकास्ट कंक्रीट सिस्टम चेन्नई में उपयोग किया जाएगा, जबकि रांची में, जर्मनी के 3-डी निर्माण प्रणाली का उपयोग किया जाएगा, पीएम मोदी ने कहा कि न्यूजीलैंड की स्टील फ्रेम तकनीक का इस्तेमाल अगरतला में किया जाएगा और कनाडा की एक तकनीक का इस्तेमाल लखनऊ में किया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि लाइट हाउस प्रोजेक्ट के तहत देश के 6 शहरों में एक साल में 1 हजार मकान बनेंगे. उन्होंने इंजीनियर, विद्यार्थियों और प्रोफेसरों से अपील की कि वे इन साइटों पर जाएं और इन प्रोजेक्ट का अध्ययन करें.आप इसका अध्ययन करें और ये देखें कि क्या ये भारत के लिए सही है या फिर इसमें कुछ सुधार की गुंजाइश है.
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