देश में कोरोना महामारी को लेकर अराजकता फैलाने विपक्ष, वामपंथी, मीडिया गिरोह, इस्लामी कट्टरपंथी ने ऐसे फैलाये 45 झूठ
जब से कोरोना संक्रमण शुरू हुआ यानी मार्च 2020 से लेकर अब तक तरह-तरह से फेक न्यूज फैला कर अपना-अपना एजेंडा चलाया गया। इनमें पत्रकार, वकील, बुद्धिजीवी, वामपंथी और इस्लामी कट्टरपंथी और विपक्ष के नेता की भूमिका एहम रही ।
कोरोना महामारी की शुरुआत से ही फर्जी खबरों को फैलाने का कारोबार तेजी से चल रहा है। विपक्षी पार्टियाँ और वामपंथी पत्रकार इस काम में लगातार अपना योगदान दे रहे हैं। तरह-तरह के हथकंडे अपनाकर जुठ फैलाकर देश की जनता को भर्मित करते हुए ये बताया जा रहा है कि कैसे मोदी सरकार ने भारत की जनता को ठगा।
बात चाहे आम ट्रोलर्स की हो, बड़े-बड़े बुद्धिजीवियों की हो, विपक्ष के दिग्गज नेताओं की हो या फिर सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण की, कोई इस दाग से अछूता नहीं है। सबने 2020 से लेकर अब तक न जाने कितनी तरह फेक न्यूज फैलाकर अपना एजेंडा चलाया।
ऑप इण्डिया ने उन्हीं टॉप फेक न्यूज के बारे में एक लिस्ट बनायीं जिन्हे हम आपतक पहुंचा रहे है,
1,हाल में दावा हुआ कि दुनिया भर के कई देशों में फैलने वाले कोरोना का डबल म्यूटेंट भारतीय है। यह बात सरासर जूठ है, सच्चाई ये है कि ये डबल म्यूटेंट कई अन्य देशों में पाया गया है।
2,सीएम योगी कुम्भ जाकर हुए कोरोना पॉजिटिव, यह भी जूठ था। कॉन्ग्रेस नेत्री अलका लांबा ने अपने झूठ को सही साबित करने के लिए 2019 की तस्वीर शेयर की।
3,प्रशांत भूषण ने हिपोथीसिस शेयर करके बताया कि कोविड-19 को रोकने में मास्क अप्रभावी है।
4,अस्पतालों के बाहर बेड न मिलने वाले मरीजों की तमाम शिकायतों के बीच दिल्ली सीएम ने कहा था कि दिल्ली में बेड्स की कमी नहीं है।
5,हर राज्य को अपने हिसाब से काम करने की आजादी देने वाली केंद्र सरकार के लिए दि प्रिंट के शेखर गुप्ता ने आरोप लगाया कि देश में बढ़ रहे कोरोना के लिए केंद्र सरकार जिम्मेदार है क्योंकि उन्होंने महामारी के समय में राज्यों पर अपना फैसला थोपा।
6,केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली में फैलते संक्रमण पर रिपोर्ट जारी करने के बाद भी AAP स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने बताया कि महामारी खत्म होने की कगार पर है।
7,वैक्सीन के नाम पर कई जगह वरिष्ठ नागरिकों से उनके फोन पर आने वाले ओटीपी माँगे गए। बाद में पता चला कि ये हरकत जालसाजों की थी।
8.वैक्सीन के बारे में भ्रम फैलाते हुए दावा किया गया कि मुरादाबाद जिले के वार्ड ब्वॉय को वैक्सीन लेने के बाद अपनी जान गँवानी पड़ी। हालाँकि रिपोर्ट में सामने आया कि मौत का वैक्सीन से कोई संबंध नहीं है।
9,कोरोना वायरस आने के बाद बाबा रामदेव इम्युनिटी बढ़ाने के लिए लगातार अपील कर रहे थे। ऐसे में ट्रोलर्स ने उनकी पुरानी तस्वीर के साथ ये फैलाया कि वह अत्यधिक गोमूत्र पीने से बीमार हुए।
10,कारवाँ पत्रिका ने फैलाया कि ICMR के टास्क फोर्स में 21 वैज्ञानिक मोदी सरकार को कोरोना से निपटने की सलाह देने वाले थे, लेकिन उन्हें नजरअंदाज किया गया। वहीं ICMR ने अपने बयान में कहा कि खबर पूरी तरह झूठी है।
11,द वायर ने दावा किया कि मजहब को देखकर अहमदाबाद सिविल अस्पताल में मरीजों को अलग अलग वार्ड में रखा जा रहा है। जबकि राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि किसी भी मरीज के लिए धार्मिक आधार पर विभाजन नहीं किया गया है। कोरोना मरीजों को उनके लक्षण, उनकी गंभीरता के आधार पर और डॉक्टरों की सिफारिशों आदि पर इलाज किया जा रहा है।
12,द टेलीग्राफ ने अपनी एक रिपोर्ट में क्वारंटाइन में भी अस्पृश्यता नाम से रिपोर्ट प्रकाशित की। असली खबर में दोषी कोई सिराज अहमद था, लेकिन द टेलीग्राफ ने प्रोपगेंडा चलाने के लिए तस्वीर में आरएसएस की फोटो लगाई, जिसके कारण वामपंथी धड़ा बिना सच्चाई जाने आरएएस को भरा बुरा कहने लगा।
13,वामपंथन अरुंधति रॉय ने भारत में कोरोना प्रसार पर अफवाह फैलाई। रॉय ने कहा कि मोदी सरकार समुदाय विशेष के लिए डिटेंशन सेंटर बनवा रही है और कोरोना की आड़ में मीडिया को दबा रही है।
14,वामपंथी मीडिया गिरोह के दिग्गज पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने केंद्र सरकार पर पंजाब के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया। सरदेसाई ने कहा कि महामारी से लड़ने के लिए पंजाब को सिर्फ 71 करोड़ रुपए मिले हैं जबकि हकीकत में ये आँकड़ा 247 करोड़ का था।
15,कॉन्ग्रेस नेता उदित राज ने झूठ फैलाने की कोशिश की कि 500 रुपए की कोरोना टेस्ट किट को ठुकरा कर पीएम मोदी ने गुजरात कंपनी को फायदा दिलवा दिया, जो कोरोना किट 4500 रुपए में बेच रही है।
16,कोरोना संकट में जब मजदूर अपने घर जाना चाहते थे तब मोदी सरकार को घेरने के लिए रवीश कुमार ने लालू यादव का गुणगान किया और ये कह दिया कि श्रमिक ट्रेन में मजदूरों से किराया लिया जाएगा।
17,कोरोना से लोगों को सुरक्षित रखने के लिए सरकार ने आरोग्य सेतु ऐप को लॉन्च किया था। उस समय राहुल गाँधी ने झूठ फैलाया था कि ये ऐप लोगों के डेटा और प्राइवेसी लेता है।
18,भारतीय वायुसेना ने पिछले साल कोरोना वॉरियर्स के स्वागत में हेलीकॉप्टर से फूल बरसाए थे। हालाँकि, विपक्षी नेताओं और पत्रकारों ने इस फोटो के एडिटिड वर्जन पेश किए और आरोप लगाया कि वायुसेना ने लॉकडाउन में प्रवासी मजदूरों पर फूल बरसाए।
19,कोरोना संक्रमण के समय जब हर किसी को वैक्सीन का इंतजार था, तब AIMIM नेता अबु फाजल ने वैक्सीन पर झूठी जानकारी देते हुए कहा था कि उनके पास पर्याप्त सबूत है कि सरकार वैक्सीन के बहाने नपुंसक बनाने की तैयारी कर रही है।
20,महाराष्ट्र में बढ़ते कोरोना की बाबत यह भी फैलाया गया था कि मुंबई में 10 दिन का मिलिट्री लॉकडाउन लगने वाला है। हालाँकि पीआईबी ने दावों का भंडाफोड़ कर दिया।
21,चीन के माल पर रोक लगने के बाद मीडिया गिरोह ने ये फैलाया कि 25 करोड़ लोग बीमार होने वाले हैं इसलिए सरकार विदेश से टेस्टिंग किट खरीदे। ये उस समय की बात है, जब देश में तेजी से स्वास्थ्य उपकरण का इंतजाम होना शुरू हो गया था।
22,इस्लामी पत्रकारिता की पैरोकार राणा अयूब ने झूठी खबर शेयर करके फैलाया कि प्रवासी मजदूर का बच्चा भूख से मर गया। जबकि रेलवे ने कहा कि बच्चे की मौत ट्रेन से उतरने के 5 घंटे पहले हो गई थी।
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