दिल्ही के मुख्यमंत्री एप्रिल की शुरू में कहते थे सब चंगा है,ऑक्सीजन फुल है,चार दिन बाद बयान से पलटी मारी, फिर खुद पर आ गयी तो कहने लगे केंद्र सरकार पूरा कोटा नहीं दे रही ,जरुरत 700 MT है केंद्र 400 MT भी नहीं दे रहा,
AAP नेता अप्रैल के मध्य में कहने लगे ट्वीट करके और टीवी डिबेट में की दिल्ली को 700 MT ऑक्सीजन की आवश्यकता थी, जो माह ख़त्म होते-होते 976 MT पर पहुँच गई। अप्रैल 29 को केजरीवाल ने इतनी ही मात्रा में ऑक्सीजन के लिए पत्र लिखा।
मगर सवाल यह है की उस दिन दिल्ली में 97,977 सक्रिय कोरोना मामले थे। मुंबई में 61,433 एक्टिव केस थे और वहाँ 225 MT ऑक्सीजन की ज़रूरत बताई गई। सक्रिय मामलों के हिसाब से औसत निकालें तो दिल्ली को मात्र 360 MT ऑक्सीजन की ज़रूरत थी।
उस दिन उन्हें 400 MT मिली। ये सब देख कर क्या आपको लगता है कि सच में केजरीवाल की सरकार दिल्ली में ऑक्सीजन की समस्या को ख़त्म करने में लगी हुई है?
किस राज्य को कितनी ऑक्सीजन मिलती है ?
दिल्ही में एक्टिव केस 90,629 के सामने ऑक्सीजन दिया 730 MT
उत्तरप्रदेश एक्टिव केस 2,26,000 के सामने ऑक्सीजन मिला 753 MT
हरियाणा एक्टिव केस 1,13,445 के सामने ऑक्सीजन मिला 162 MT
आंध्रप्रदेश एक्टिव केस 1,70,000 के सामने ऑक्सीजन मिला 440 MT
मध्यप्रदेश एक्टिव केस 89224 के सामने ऑक्सीजन मिला 543
कौन से राज्य में प्रति मरीज कितना ऑक्सीजन जा रहा है ?
महाराष्ट्र : 27 लीटर प्रति मिनट
आंध्रप्रदेश : 36 लीटर प्रति मिनट
छत्तीसगढ़ 18 लीटर प्रति मिनट
तमिलनाडु में 18 लीटर प्रति मिनट
दिल्ही में 64 TO 65 लीटर प्रति मिनट
दिल्ही में नॉन ICU बेड की संख्या है 16272
उसमे ऑक्सीजन वाले बेड है 8136 ,जिसमे प्रति मरीज को प्रति मिनट 10 लीटर ऑक्सीजन दिया जाता है, यानी प्रति मिनट 81360 लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन को नॉन ICU के मरीज को मिलता है,
अब इसे 24 घंटे के हिसाब से गिनती करे तो 8136 बेड को 11,71,58,440/ लीटर प्रति दिन हुआ ,यानी यह हो गया 152.15 MT
अब बात करते है दिल्ही में ICU बेड की...
कुल 5866 ICU बेड है ,केंद्र सरकार के फॉर्म्युला के हिसाब से पर बेड प्रति मिनट 24 लीटर ऑक्सीजन लगता है, यानी प्रतिदिन 5866 मरीज को 20,27,28,960 लीटर प्रतिदिन, यानी हर रोज लगेगा 263.28 MT
नॉन ICU बेड पर प्रति दिन 152.15 MT + ICU बेड प्रति दिन 263.28 MT
TOTAL = 415. 43 मेट्रिक टन (MT )
अब सवाल यह उठता है की जब केंद्र फॉर्म्युला के हिसाब से 415.43 mt ऑक्सीजन प्रतिदिन लगता है तो दिल्ही सरकार 700 और 900 mt की मांग कैसे कर सकती है ?
दूसरे राज्य में प्रति पेशंट को प्रति मिनट 28 लीटर एवरेज ऑक्सीजन मिलता है तो दिल्ही के मरीज के पीछे तक़रीबन 65 लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन क्यों ?
इस क्यों का जवाब दिल्ही की केजरीवाल सरकार को देना चाहिए, क्यूंकि ऑक्सीजन की व्यवस्था दिल्ही सरकार कर रही है,
जैसे 52000 रेमडेसिविर का हिसाब नहीं है दिल्ही सरकार के पास ,क्या ऐसा ही ऑक्सीजन को लेकर है, क्या बाकी ऑक्सीजन का ब्लैक मार्केटिंग हो रहा है ?
क्या कोई नेता ऑक्सीजन की गोलमाल कर रहा है ? या फिर कोई हॉस्पिटल या सरकारी बाबू ऑक्सीजन खेला कर रहा है ?
आज लोग पूछने लगे है की Mumbai में कोरोना मरीज को प्रति मिनट 28 लीटर Oxygen तो Delhi में 65 लीटर क्यों, यह कौनसा खेला है ?
Note : AAP की प्रवक्ताके पास इसका जवाब नहीं होता इसीलिए वह भ्रामक बाते और कहते है की यह तो केंद्र का मापदंड है, मगर उन मूर्खो को यह पता नहीं की केंद्र मापदंड सभी राज्यों के लिए होता है अकेले दिल्ही के लिए नहीं,
इस बात को सभी दिल्ही वासियो तक अवश्य पहुंचाए
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