खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगा कर अपना दर्द कम करते हैं सिख,आतंकी भिंडरावाले को किया प्रणाम : हरभजन सिंह
ऑपरेशन ब्लू स्टार की 37वीं बरसी पर खालिस्तानी आतंकी जरनैल सिंह भिंडरावाले का महिमामंडन करने की वजह से पूर्व क्रिकेटर हरभजन सिंह निशाने पर हैं। इस मौके पर जून 6, 2021 को अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में भिंडरावाले के पोस्टर और खालिस्तानी झंडे दिखने का कार्यवाहक जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने बचाव किया है। उनका कहा है कि ‘खालिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगा सिख अपना दर्द कम करते हैं।
तस्वीर के लिए साभार हिंदी ऑप इंडिया
पूर्व क्रिकेटर हरभजन सिंह ने रविवार को खालिस्तानी आतंकी जरनैल सिंह भिंडरावाले को उसकी बरसी पर प्रणाम किया। अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी पर हरभजन ने भिंडरावाले को एक शहीद बताया। साथ ही उसकी तस्वीर साझा कर, ‘प्रणाम शहीदा नू’ लिखा।
हरभजन की इंस्टा स्टोरी पर शेयर किए गए पोस्टर में लिखा है, “शान से जियो और धर्म के लिए मरो।” उन्होंने एक आतंकी को ऐसे श्रद्धांजलि दी जैसे वह कोई हीरो हो। उनकी इस हरकत के बाद वह ट्विटर पर ट्रेंड होने लगे और लोग उनसे सवाल करने लगे कि जिस भिंडरावाले ने तमाम हिंदुओं को मारा क्या वह शहीद है। तस्वीर में भी देख सकते हैं कि भिंडरावाले एकदम हीरो की तरह सेंटर में नीली पगड़ी में है।
बता दें कि अमृतसर के श्री हरमिंदर साहिब में एक कार्यक्रम के दौरान खालिस्तानी झंडे देखे गए थे। खालिस्तानी समर्थक दल ‘दल खालसा’ ने 6 जून को खालिस्तान दिवस के रूप में चिह्नित कर परिसर में मार्च निकाला था। कार्यवाहक जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने खालिस्तानी नारों का समर्थन किया है।
उन्होंने कहा, “यह सिखों पर गहरा घाव है, जो साल भर दर्द देता है। बरसी पर हम ‘खालिस्तान जिंदाबाद’ का नारा लगाकर इस दर्द को कम करते हैं। इसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। यह हमेशा के लिए हमारी स्मृति का हिस्सा रहेगा।” उन्होंने 1984 के ऑपरेशन को लेकर कहा कि भारतीय सेना ने अकाल तख्त पर ऐसे हमला किया जैसे चीन या पाकिस्तान पर युद्ध के दौरान करते हैं।
मालूम हो कि पिछले साल भारतीय-कनाडाई पंजाबी गायक जसविंदर सिंह (Jazzy B) ने अपने नए गाने में खालिस्तान का समर्थन किया था। 6 जून 2020 को रिलीज किए गए “Putt Sardara De” के जरिए उसने ऑपरेशन ब्लू स्टार में मारे गए जरनैल सिंह भिंडरावाले का महिमामंडन भी किया था।
ऑपरेशन ब्लू स्टार इतिहास
ऑपरेशन ब्लू स्टार को जून 1 से जून 8, 1984 में अमृतसर के गोल्डन टेंपल में अंजाम दिया गया था। भारतीय सेना के लिए ये मिशन अब तक का सबसे बड़ा आंतरिक सुरक्षा मिशन था। इसके लिए भारत की तत्कालीन प्रधान मंत्री इंदिरा गाँधी ने आदेश दिए थे ताकि पंजाब में कानून-व्यवस्था बरकरार रह सके।
ऑपरेशन ब्लू स्टार के दौरान खालिस्तान समर्थकों ने अमृतसर के स्वर्ण मंदिर स्थित अकाल तख्त परिसर को अपने कब्जे में ले लिया था। इसमें 83 आर्मी जवान और 492 नागरिक हताहत हुए थे। ऑपरेशन के खत्म होने के कुछ समय बाद 31 अक्टूबर 1984 को इंदिरा गाँधी की हत्या कर दी गई थी। फिर बड़े पैमाने पर सिखों का नरसंहार हुआ था जिसे भड़काने में कॉन्ग्रेस नेताओं का नाम सामने आया था।
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