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ब्लैक फंगस-Mucormycosis को लेकर 18 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए केंद्र सरकार की गाइडलाइंस

कोरोना संक्रमण के बाद आ रही म्यूकरमाइकोसिस या ब्लैक फंगस के मामलों में केंद्र ने गाइडलाइंस जारी किए हैं  विशेषकर 18 साल से कम उम्र के बच्चों की दवाओं के इस्तेमाल को लेकर सावधानियां बरतने को कहा गया है।

                                           प्रतीकात्मक तस्वीर: साभार indiatvnews 

Director General of Health Services, DGHC ने बुधवार को 18 साल से कम उम्र के किशोरों व बच्चों में Mucormycosis or black fungus के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं।

कोरोना से संक्रमित या कोरोना से ठीक हुए मरीजों में ब्लैक फंगस इंफेक्शन का मामला अधिक देखा गया। इसके कारण मरीज़ों की आंखों की रोशनी खत्म होने के बाद संक्रमण और न बढ़े इसके लिए आंखें निकालनी पड़ जाती है। जिन लोगों में डायबिटीज़ है, उनमें इसका संक्रमण देखा जा रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि कोविड-19 रोगियों के उपचार में स्टेरॉयड का उपयोग फंगल संक्रमण का एक कारण हो सकता है। म्यूकरमाइकोसिस गंभीर बीमारी है जिसकी वजह से नाक, कान और गले के अलावा शरीर के दूसरे अंगों को भी नुकसान होता है।

स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, म्यूकरमाइकोसिस गंभीर फंगस संक्रमण है जो स्टेरॉयड के गलत या अधिक मात्रा में इस्तेमाल, कैंसर, अंग या स्टेम सेल के प्रत्यारोपण, डायबीटिज को उपयुक्त तरीके से नियंत्रित न करने या फिर लंबे समय तक आइसीयू में इलाज की वजह से होता है। DGHC ने अपने गाइडलाइन में कहा, 'म्यूकरमाइकोसिस का इलाज शुरू करने के लिए टेस्ट के नतीजों का इंतजार न करें क्योंकि यह एक इमरजेंसी है।'

साथ ही इसमें बताया गया है कि पोसाकोनाजोल (Posaconazole) दिया जाना चाहिए जिन्हें एंफोटेरिसिन बी (Amphotericin B) नहीं दिया जा सकता है।  इसमें बताया गया है कि 11 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए इस दवा की खुराक कितनी होनी चाहिए।

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गाइडलाइंस में यह भी कहा गया है कि इलाज की शुरुआत में की गई दवा जरूरत पड़ने पर ही दोहराई जाए।




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