केजरीवाल सरकार से परेशान सुप्रीम कोर्ट-पढ़े पूरी बात
अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार ने कानून और प्रावधान दिल्ली के उपराज्यपाल को कथित तौर पर अधिक शक्ति देने वाले नियम के कुछ प्रावधानों को चुनौती देने वाली अपील सुप्रीम कोर्ट से की थी।
केजरीवाल सरकार से परेशान सुप्रीम कोर्टदिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के बीच आए दिन होने वाले झगड़ों से अब सुप्रीम कोर्ट भी परेशान हो गया है। शीर्ष न्यायालय की एक पीठ ने 6 अक्टूबर 2021 को कहा, ”हर दिन हमें दिल्ली सरकार के विवाद को ही सुनना पड़ता है।” अदालत ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार (जीएनसीटी) दिल्ली (संशोधन) अधिनियम, 2021 और कार्य संचालन नियम से जुड़े मामले पर सुनवाई करते हुए दिल्ली सरकार के वकील अभिषेक मनु सिंघवी को इसे छोड़ने का निर्देश दिया।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार ने इस नियम के कुछ प्रावधानों को चुनौती देने वाली याचिका पर तत्काल सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट से अपील की थी। ये कानून और प्रावधान दिल्ली के उपराज्यपाल को कथित तौर पर अधिक शक्ति देते हैं। इससे पहले दिल्ली सरकार ने इसी याचिका की तत्काल सुनवाई के लिए 13 सितंबर 2021 को उल्लेख किया था। उस दौरान सर्वोच्च अदालत इसे सूचीबद्ध करने को सहमत हो गई थी।
दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच अफसरों की नियुक्ति, स्थानांतरण और तैनाती के नियंत्रण को लेकर विवाद पर सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच दशहरा अवकाश के बाद सुनवाई करेगी। दिल्ली सरकार ने 5 अक्टूबर 2021 को मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन के समक्ष इस मुद्दे को उठाया था। दिल्ली सरकार के वकील ने कहा था कि इस पर जल्द सुनवाई की जाए, क्योंकि इससे दिल्ली सरकार का कामकाज प्रभावित हो रहा है।
दरअसल यह पहली बार नहीं है। इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट केजरीवाल सरकार और दिल्ली के उपराज्यपाल के बीच होने वाले विवाद सुप्रीम कोर्ट में पहुँचे हैं। साल 2018 में दिल्ली में केजरीवाल सरकार और एलजी के बीच चल रही अधिकारों की जंग मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया था। कोर्ट ने दिल्ली सरकार और एलजी को आपसी तालमेल से काम करने की सलाह भी दी थी। कोर्ट ने कहा था कि दिल्ली में पुलिस, लॉ ऐंड ऑर्डर और लैंड के मामले में सभी अधिकार एलजी के पास ही रहेंगे। वहीं, सभी मामलों में चुनी हुई सरकार कानून बना सकती है।
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