ईमानदारी को मरोड़ते नेता और बॉलीवुड ? कल रविंद्र पाटिल थे आज समीर वानखेड़े
आज समीर वानखेड़े, कल रविंद्र पाटिल, अभी आर्यन-तब सलमान, क्या पैसा ईमानदारी को ख़तम कर देगा ?
समीर वानखेड़े -रविंद्र पाटिल,साभार ऑप इंडिया हिन्दीरविंद्र पाटिल कभी सलमान खान के बॉडीगार्ड थे। लेकिन हिट एंड रन केस में एक्टर के विरुद्ध गवाही देने के बाद उनकी नौकरी चली गई। अंत में उनकी 2007 में टीबी से मौत हो गई थी। वे पहले शख्स थे जिन्होंने सलमान के ख़िलाफ़ चल रहे हिट एंड रन केस में कोर्ट में गवाही दी थी और आखिर तक उसी बयान पर टिके रहे थे।
बॉम्बे हाई कोर्ट ने तीन दिन की सुनवाई के बाद आखिरकार 28 अक्टूबर 2021को आर्यन खान को जमानत दे दी। यह अजीब संयोग है कि जिस दिन आर्यन को राहत मिली, उसी दिन क्रूज पर छापेमारी की कार्रवाई करने वाले नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) के ज्वाइंट डायरेक्टर समीर वानखेड़े ने भी अंतरिम राहत के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
असल में इस मामले के सामने आने के बाद से ही वानखेड़े पर एक के बाद एक आरोप लग रहे। उनके परिवार को पूरे मामले में घसीटा जा रहा। उनके ‘धर्म’ को लेकर विवाद खड़े किए जा रहे। वैसे बॉलीवुड से जुड़े किसी मामले में ऐसा पहली बार नहीं हो रहा। हिट एंड रन केस में अभिनेता सलमान खान के खिलाफ गवाही के बाद अचानक से पाटिल के जीवन में उथल-पुथल मच गई थी। और वे गुमनामी में मर गए।
रविंद्र पाटिल ने 1997 में मुंबई पुलिस में कॉन्स्टेबल के तौर पर नौकरी करना शुरू की। बाद में वह एलिट कमांडो स्क्वॉड के लिए चुने गए। उन्हें सलमान खान की सुरक्षा में लगाया गया। इस दौरान 2002 में हिट एंड रन का मामला सामने आया। पाटिल ने बयान दिया कि एक्सीडेंट के दौरान सलमान गाड़ी चला रहे थे और उन्होंने उस समय शराब पी रखी थी। उनका कहा था कि उन्होंने सलमान को समझाया था कि वे गाड़ी धीरे चलाएँ, लेकिन उन्होंने उनकी नहीं सुनी।
सलमान के ख़िलाफ़ अक्टूबर 2002 में बयान देने के बाद पाटिल के साथ बहुत कुछ घटीं। कभी उनपर बयान बदलने का दबाव डाला गया तो कभी वे अचानक से गायब हो गए। उन्हें लालच और धमकी दोनों मिली। वानखेड़े की तरह रवीन्द्र के परिजनों को भी परेशान किया गया। लेकिन हर परेशानी के बाद भी उन्होंने कभी अपना बयान नहीं बदला।
हिट एंड रन के केस के सबसे प्रमुख गवाह होने के बावजूद 2006 में उनकी गिरफ्तारी हुई और उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया। मात्र एक साल बाद उनकी स्थिति ऐसी हो गई कि उन्हें सड़कों पर पाया गया। उनके दोस्तों के लिए उन्हें पहचान पाना बेहद मुश्किल था। अंत में उनकी 2007 में टीबी से मौत हो गई थी।
रविन्द्र की हालत ऐसी हो गई थी कि उन्हें सड़कों पर भीख माँगनी पड़ी थी। मरने से पहले उन्होंने अपने दोस्त को बताया था, “मैं मरते दम तक अपने बयान पर अड़ा रहा। लेकिन मेरा विभाग मेरे साथ नहीं खड़ा रहा। मैं मेरी जॉब वापस चाहता हूँ। मैं जीना चाहता हूँ। मैं एक बार पुलिस कमिशनर से मिलना चाहता हूँ।”
यहाँ बता दें कि हिट एंड रन केस में सलमान खान की लैंड क्रूजर अमेरिकन एक्सप्रेस बेकरी में घुस गई थी। फुटपाथ पर सोए नरुल्ला शरीफ नामक शख्स की मौत हुई थी, जबकि अब्दुल शेख, मुस्लिम शेख मुन्नू खान, मुहम्मद कलीम घायल हो गए थे।
अब कैसे भी करके एक और ईमानदार अधिकारी समीर वानखेड़े को तोड़ा जाएगा,उसके करियर को ख़तम कर दिया जाएगा और देश वासी तमाशा देखते रहेंगे,क्यूंकि जिस देश का मिडिया,नेता बिकाऊ हो वहा किससे अच्छी उम्मीद रख सकते है ?
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