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बिहार की बदहाली के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार नेता नितीश कुमार ही क्यों ?

जो नेता केंद्र सरकार में मंत्री रहा हो,जो लगातार 8 बार बिहार का मुख्यमंत्री रहा वह राज्यको आज भी केंद्र सरकार से विशेष दरज्जा क्यों चाहिए? क्यों बिहार पिछड़ा रहा है अब तक ? हर बिहारी पूरी बात ध्यान से पढ़े,कौन है बिहार को बर्बाद करनेवाला नेता ? 


बिहारमे पिछले कई सालो से तीन पार्टी के बिच तनातनी रहती है,मगर मुख्यमंत्री नितीश कुमार ही बनते रहे,क्यूंकि वह कभी लालू प्रसाद यादव से शादी करते है और सत्ता पर आते है,जब लगा लालूजी के साथ रहकर चुनाव लड़ेंगे तो हारेंगे तब उन्होंने लालूजी की पार्टी को तलाक देकर बीजेपी से शादी करलो और सत्ता में आ जाओ,मुख्यमंत्री बन जाओ,

लोग नितीश को सुशाशन बाबू क्यों कहते है ?

अगर वाकही में सुशाशन बाबू होते नितीश कुमार कभी अपने बलबूते पर एक बार भी मुख्यमंत्री क्यों नहीं बन पाए ? क्यूंकि नितीश कुमार कभी बिहार के विकास के लिए मुख्यमंत्री बने ही नहीं थे और है,क्यूंकि उन्हें सिर्फ मुख्यमंत्री की कुर्सी से प्यार है,नहीतो एक मुख्यमंत्री चाहता तो १५ से १६ साल बहोत होते है राज्य को विकास  की पटरी पर दौड़ाने के लिए... क्या पॉलिटिक्स में ज्यादा रूचि लेने वाले बिहारियों को यह सब नहीं सोचना चाहिए। .

नेता नाम से या अपने कर्मो से बड़ा बनता है  ?

नरेन्द्र मोदी जिन्हे पंचायत चुनाव लडनेका का अनुभव नहीं था तब वह अचानक मुख्यमंत्री बने,मगर उनकी निष्ठां उनके अच्छे कर्म ही थे जो मात्र 14 साल के साशन में गुजरात को कामियाबी की राह पर ले आये,दंगे मुक्त करवाया,और गुजरात की जनता ने उन्हें दो तिहाई से ज्यादा MLA दिए,नितीश कुमार कब  अपनी पार्टी के दो तिहाई या आधे MLA  को चुनाव जीता पाए ?
 मोदी  जब गुजरात के मुख्यमंत्री बने तभी गुजरात भूकंप से तबाह हुआ ,2002 गोधरा रेलवे अग्नि काण्ड के बाद हुए दंगे होने के बावजूद  गुजरात को विकास की राहपर  ले आये थे , नीतीशकुमा ने क्या करा अब तक? सिर्फ एक से तलाक लेकर दूसरे से शादी,फिर दूसरे से तलाक लेकर पहले वाले से फिर शादी ?
मोदी जी को सिर्फ गुजरात ही नहीं पुरे देश ने दो बार 300 से अधिक सांसदको जीताकर दिए,और स्पष्ट बहुमत से प्रधानमंत्री बनाया,और वही मोदीजी ने दुनिया का भारत को देखने नजरिया बदल दिया, क्या यह नितीश कुमार कर सकते है ? जिन्हेबिहार जनता कभी १०० सीट जितायी वही मुख्यमंत्री क्यों ? 

नितीश कुमार सुशाशन बाबू नहीं मगर  बिहार  बदहाली के लिए ज्यादा जिम्मेदार ?

जो नेता को ज्यादातर समय अपनी मुख्यमंत्री की कुर्सी बचाये रखने में ध्यान देना पड़ता हो वह मुख्यमंत्री जनता  का ध्यान कैसे रख सकता है ? कहा जाता है की नितीश कुमार में ईगो ज्यादा है, मगर हम कहते है की यह ईगो नहीं बल्कि बेशर्मी है की जिनको गाली देते रहे उन्ही की गोदमे जाकर बैठ गए,

बिहार का विकास कब हो सकता है ?

जबतक सत्ता के लिए लालू यादव और बीजेपी नितीश कुमार को सहरा देते रहेंगे नितीश कुमार तवायफ की तरफ नाचते रहेंगे और बिहार यु ही खाई में गिरता रहेगा,जो मुख्यमंत्री अपनी ही बातो पर अडिग नहीं रहता हो उसे मुक्यमंत्री क्यों बनाते है बिहारी लोग,दूसरी एहम बात बिहार में  जनता को सोचना होगा की स्थिर और सक्षम सरकार चाहिए,बिहार विकास की पटरी पर दौड़े या फिर बिहार प्योर गुंडा राज चाहिए ?  दोनोमे से किसी एक  को चुने,जिसको भी चुने दो तिहाई से ज्यादा सीटे एक ही पार्टी को दे ,
NOTE : अब लोग कहने लगे है की नितीश कुमार मतलब राजनीती का चीरहरण करने वाले नेता,जिन्होंने सिर्फ अपना स्वार्थ देखा,बिहार की जनता का हित नहीं। 

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