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दिल तो बहक़ जाता है, अपने दीमाक से पूछ - हिंदी काव्य

01 दिसंबर
यह ख़ास उन लोगो के लिए लिखा हुआ काव्य है जिनके दिमाक के दरवाजे बंद रहते है और वह किसी की भी बातो से भ्रमित होकर देश का नुक्सान करते है,दंगे क...

हिंदी काव्य - खून तेरा है लाल लाल खून उसका भी फिर छूत अछूत काहेका पागल

14 जुलाई
छूत अछूत काहेका पागल यह इसीलिए लिखा क्यूंकि एक तरफ देश २१वि सदी की और जा रहा है मगर कुछ मंदबुद्धि के लोग १७ वि सदी की सोच रखे हुए है, कई ल...